तुम जो ओझल हो गए.. तुम जो ओझल हो गए.. फूल शाखों मे ही सो गए...!! सुबह के तलाश में शाम हो गए.. आसमान के सितारे भी खफा हो गए...!! तुम जो ओझल हो गए.. (👇🏻 full poem in caption 👇🏻) तुम जो ओझल हो गए.. फूल शाखों मे ही सो गए... !! उजाले रास्ते खो गए.. लोग अँधेरे में हो गए... !! दरिया साहिल खो गए.. कश्ती किनारे से दूर हो गए... !!