बुरे हालात हैं फिर भी, जीने को इसमें चुर हूं मैं ख़ुशी अपनो को देनी है, अपनी ख़ुशी से दूर हूं मैं सहता हूं बात बेगानो की, अपनों के लिए मजबूर हूं मैं चलता हूं कांटो की राह पे, मजदूर हू मैं ।।मजदूर हूं मैं।। मजदूर हूं मैं #poem #onllinepoem #poemonline #nojotonews #मजदूर #nojototips