"प्रवासी" "प्रवासी" वो मजदूर कितना मजबूर है? जो खाली बर्तनों के साथ, घर से बहुत दूर है । कुछ अलग तो नहीं,वही हालात है, वही भूख रोज थी,वही आज है,