White श्री हनुमान का स्वचित्त वार्तालाप हे हनुमन तुम हो ज्ञानी बड़े किंतु तेरे नाथ विवश है खड़े सकल धरा के पालन करता दुख दरिद्र कष्टों के हरता अष्ट सिद्धियां वश में मेरे नव निधियां भी पाश में मेरे किंतू कैसे ये संकट सुलझाऊ सीता राम अब कैसे मिलाऊं ©Aashish Vyas #ramnavmi #Hanuman #hanumanjayanti #Love #writerscommunity #hindiwriters