दर्द देने के नये उसने बहाने ढूंढे। मेरे क़ातिल ने मेरे दोस्त पुराने ढूंढे। हमने हाथों की लकीरों को छुपाया लेकिन, बदनसीबी ने शब-ओ-रोज़ ठिकाने ढूंढे। मुद्दतों साथ रहा दिल में तो उतरा ही नहीं, उसने तो बस मिरे ज़ख़्मों के मुहाने ढूंढे। दिल न समझा ये कभी दर्द का क़ासिद था वही, हमने जिसके लिए ख़ुशियों के ख़ज़ाने ढ़ूंढे! हमने चाहा बस उसे दिल ने भी अपना माना, जिसने मुझमें सदा गैरों के फ़साने ढूंढे! अब तो बहते ही नहीं अश्क़ मेरी आंखों से, कौन बिखरे हुए तस्बीह के दाने ढूंढे। मेरी नज़रों में थि वो कोई वफ़ा की देवी, उसकी नज़रों ने मिरे दिल पे निशाने ढूंढे। #yqaliem #dard_e_dil #bahane #fasane #badnaseebi #hathon_ki_lakeer #ralationship #chahat बहर 2122 1122 1122 22/112 क़ासिद - Postman