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जिन रास्तों पर, कभी तेरे संग चले थे। आज वो रास्ते

जिन रास्तों पर, 
कभी तेरे संग चले थे।
आज वो रास्ते सुनसान बहुत हैं।।
मिल जाओ एकबार, 
शायद लौट आऊं ना कभी।
आज मैं कमजोर, 
और राह में तूफ़ान बहुत है।।
#गौरव चौधरी#

©Gaurav Kumar