नयी उम्मिद नयी बहार लाया ये सावन मौसम झूमने को है …. बसंत बहार का ये फूल खिलणे को है … ठंड के इस मौसम मे जवानी गर्म हो गई और लगा गर्मी का जो ये आलम इस शायर की पतझड सुरू हो गई…. आखरी नजराना दोस्तो…. फिर मिलेंगे …… आपका हमदर्द ©Kiran Pawara #LastDay