Nojoto: Largest Storytelling Platform

अकसर तनहाइयों की शाम हम धुंए से राख हुए हमार

अकसर तनहाइयों की शाम 
हम धुंए से राख हुए 
    हमारे ख्वाब भी कुछ यूँ आबाद हुए ।
शौक से अपना दिल हमने जला डाला 
शौक से या फिर दिल से बरबाद हुए ।
दोष न दो आतिश को यारों ,
 इश्क भी सुलगती आग थी ।
इस आतिशबाजी में 
      हम कुछ ऐसे खाक हुए । इश्क की आतिशबाजी
अकसर तनहाइयों की शाम 
हम धुंए से राख हुए 
    हमारे ख्वाब भी कुछ यूँ आबाद हुए ।
शौक से अपना दिल हमने जला डाला 
शौक से या फिर दिल से बरबाद हुए ।
दोष न दो आतिश को यारों ,
 इश्क भी सुलगती आग थी ।
इस आतिशबाजी में 
      हम कुछ ऐसे खाक हुए । इश्क की आतिशबाजी
manmanthdas6888

Manmanth Das

New Creator

इश्क की आतिशबाजी