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हर युग में स्त्री के शील, प्रेम और सतीत्व हुई परी

हर युग में स्त्री के शील,
 प्रेम और सतीत्व हुई परीक्षा
कभी इंद्र कभी रावण 
कभी स्वयं विष्णु ने छला।
धर कर रूप ऋषि का,
आये द्वारे और मांगी भिक्षा..!
निर्मल ह्रदय और निश्छल प्रेम में धोखा खाया
 पश्चाताप के अग्नि ने जली वो
 जब ख़ुद को छला पाया..!
शापित हुए भगवान भी,
उसके तेज़ से कोई बच न पाया..
अपने अस्तित्व को मिटा कर भी
 प्रकृति में पौधों का अस्तित्व पाया..!
सीता ने डाब तो वृन्दा ने तुलसी का नाम पाया..
ग्रहण हो या कोई पूजा स्थान सर्वप्रथम दिलाया..!
#हनु 25 दिसम्बर का दिन तुलसी पूजन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 
तुलसी केवल एक वनस्पति नहीं है, यह सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक भी है।
#तुलसी #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
हर युग में स्त्री के शील,
 प्रेम और सतीत्व हुई परीक्षा
कभी इंद्र कभी रावण 
कभी स्वयं विष्णु ने छला।
धर कर रूप ऋषि का,
आये द्वारे और मांगी भिक्षा..!
निर्मल ह्रदय और निश्छल प्रेम में धोखा खाया
 पश्चाताप के अग्नि ने जली वो
 जब ख़ुद को छला पाया..!
शापित हुए भगवान भी,
उसके तेज़ से कोई बच न पाया..
अपने अस्तित्व को मिटा कर भी
 प्रकृति में पौधों का अस्तित्व पाया..!
सीता ने डाब तो वृन्दा ने तुलसी का नाम पाया..
ग्रहण हो या कोई पूजा स्थान सर्वप्रथम दिलाया..!
#हनु 25 दिसम्बर का दिन तुलसी पूजन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 
तुलसी केवल एक वनस्पति नहीं है, यह सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक भी है।
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anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator