कुछ अलग था, कुछ आसान था, वो लफ्ज जो कहकर गया वो भी बेबाक था, कभी आबाद था, कभी हसीन था, वो लफ्ज कुछ यूँ सता के गया, उन यादों को फिर से सपना बना गया... --- Vivek Mali sapan bana gaya