मेरे ज़हन से अब क्यों निकल, उसका वो शहर जाता नहीं है......... खुदा ही जाने क्यों आज-कल, वो मेरे मोहल्ले में आता नहीं है....... मेरे अंदर का कमबख़्त शायर, आखिर मर क्यों जाता नहीं है........ जब वो मिलता है हमें कहीं, तो वक्त ठहर क्यों जाता नहीं है...... ©Poet Maddy मेरे ज़हन से अब क्यों निकल, उसका वो शहर जाता नहीं है......... #Mind#City#Days#Locality#Poet#Die#Find#Time#Stop.........