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मेरे ज़हन से अब क्यों निकल, उसका वो शहर जाता नहीं ह

मेरे ज़हन से अब क्यों निकल,
उसका वो शहर जाता नहीं है.........
खुदा ही जाने क्यों आज-कल,
वो मेरे मोहल्ले में आता नहीं है.......
मेरे अंदर का कमबख़्त शायर,
आखिर मर क्यों जाता नहीं है........
जब वो मिलता है हमें कहीं,
तो वक्त ठहर क्यों जाता नहीं है......

©Poet Maddy मेरे ज़हन से अब क्यों निकल,
उसका वो शहर जाता नहीं है.........
#Mind#City#Days#Locality#Poet#Die#Find#Time#Stop.........
मेरे ज़हन से अब क्यों निकल,
उसका वो शहर जाता नहीं है.........
खुदा ही जाने क्यों आज-कल,
वो मेरे मोहल्ले में आता नहीं है.......
मेरे अंदर का कमबख़्त शायर,
आखिर मर क्यों जाता नहीं है........
जब वो मिलता है हमें कहीं,
तो वक्त ठहर क्यों जाता नहीं है......

©Poet Maddy मेरे ज़हन से अब क्यों निकल,
उसका वो शहर जाता नहीं है.........
#Mind#City#Days#Locality#Poet#Die#Find#Time#Stop.........
manishsaini7413

Poet Maddy

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मेरे ज़हन से अब क्यों निकल, उसका वो शहर जाता नहीं है......... #Mind#City#Days#Locality#Poet#Die#find#Time#Stop.........