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तेरे जॆहन से तेरा लिबास निकला हैं... जैसे आँख झुकी

तेरे जॆहन से तेरा लिबास निकला हैं...
जैसे आँख झुकी होशो हवास निकला है..।

दिन-रात हंसता था भीड़ मॆं एक चेहरा...
जब तहक़ीक़ात हुई ग़म-शनास निकला हैं..।

रिंदो वाइज़ के सामने आँख तो लाओ...
कल उसकी जेब से एक गिलास निकला हैं..।

इंतज़ार में बच गये हो तो बताता हूँ...
अभी मेरे नज़दीक से विकास निकला हैं..।

आज नाज़नीन को कही बद्दुआ ना लगे...
इश्क़ मेरॆ दिल से बहुत उदास निकला हैं..। 

                                   - ख़ब्तुल
                              संदीप बडवाईक

©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 बद्दुआ
तेरे जॆहन से तेरा लिबास निकला हैं...
जैसे आँख झुकी होशो हवास निकला है..।

दिन-रात हंसता था भीड़ मॆं एक चेहरा...
जब तहक़ीक़ात हुई ग़म-शनास निकला हैं..।

रिंदो वाइज़ के सामने आँख तो लाओ...
कल उसकी जेब से एक गिलास निकला हैं..।

इंतज़ार में बच गये हो तो बताता हूँ...
अभी मेरे नज़दीक से विकास निकला हैं..।

आज नाज़नीन को कही बद्दुआ ना लगे...
इश्क़ मेरॆ दिल से बहुत उदास निकला हैं..। 

                                   - ख़ब्तुल
                              संदीप बडवाईक

©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 बद्दुआ