उठा पार्थ गांडीव लक्ष्य तेरे जीवन का क्या है, आओ याद दिलाऊँ। अपनी राहें भूल गया तू, तुझको राह दिखाऊँ। तरकश में ना तीर समाये,अब तक छूट न पाए । तीरों पर मैं पार्थ तेरी ,नाम विजय लिख जाऊँ l मद के मारे देखो कोई, झूल रहा है झूला। शोक छोड़ चल उन राहों पर, उठा पार्थ गाण्डीव तू तज,मन से घोर निराशा। ढूँढ मध्य तेरी सेना में, छिपा तो नहीं बगुला। चुप्पी मत तू साध कि घर में, सेंध लगी है भारी, भूल समय जो बीत गया है, आगे काम जरूरी। जीत-हार पहलू सिक्के के, मत घबराना इनसे, राह तेरी न कोई रोके, कैसी भी मजबूरी। ✍️सुनीता बिश्नोलिया ©® #उठा पार्थ गाण्डीव #nojoto #hindi