दूरी का कुछ क्लेश नहीं है, कुछ भी कहना शेष नहीं है.! प्रेम से तुम्हें विदा करना है, मन में कोई आवेश नहीं है..! उजड़े मन के प्रतिमानों में, जीवन का अवशेष नहीं है..! स्वतंत्र तुम्हारी इच्छाओं से, मुझको कोई द्वेष नहीं है..! विरक्ति मेरी चिर स्थायी है, यह परिवर्तित भेष नहीं है..! झंझावात अगर है जीवन, मेरा ये परिवेश नहीं है..! सिद्धार्थ मिश्र #NojotoQuote कुछ भी कहना शेष नहीं है #दूरी #कुछ_भी #कहना #शेष_नही_है #प्रेम #आवेश #परिवेश