दर्द में भी मुस्कुराना चाहता हूं। ज़र्फ़ अपना आज़माना चाहता हूं।। तू बता दे किस तरह तुझको पुकारूं! ख़ुद को खोकर तुझको पाना चाहता हूं।। बस तेरी चाहत थी मुझको ना मिला तू, अब तो मैं सारा ज़माना चाहता हूं।। तुझको हासिल ही नहीं करना मुझे अब, मैं फ़क़त इश्क़-ए-यगाना चाहता हूं।। अब मुकाबिल हूं मैं अपने आप के बस, बारहा ख़ुद को हराना चाहता हूं। ख़्वाब का सहरा है आंखों में मेरे जो, मैं इसे दरिया बनाना चाहता हूं।। तिफ़्ल-ए-दिल के ख़्वाब बेमानी हैं लेकिन चांद को मैं अब भी पाना चाहता हूं।। #yqaliem #ishq_e_yagaana #zarf #khwab_ka_sahra #yqurdu #yqurduhindipoetry #tifl_e_dil #yqbhaijan तिफ़्ल-ए-दिल : Childish heart इश्क-ए-यगाना : Unique love