करती हूँ कोशिश सभी को अपना बनाने की हार जाती हूँ लेकिन जो कोशिश करूँ क़दम बढ़ाने की समझता कौन है किसको स्पर्धा रहती आरोप लगाने की बेवज़ह जो तूल देते क्या ज़रूरत उन्हें समझाने की वक़्त सब गिला मिटा देता पर कोशिश क्या की सुधर जाने की अचंभित हूँ दोस्ती की नब्ज़ देख क्या मिसाल दें अब किसी याराने की हतप्रभ यह माहौल देख क्या स्वार्थपरता इस ज़माने की हाँ में हाँ जो नहीं कही बारी फिर गर्दन कटवाने की सब देख मुँह बन्द रखा तब ही बात प्रशंसा पाने की जो सच को 'बक दिया' आ पड़ी तब जीभ कटवाने की क्या कहूँ इस यारी की आज मेरी कल तुम्हारी की नमस्ते प्रणाम सबसे किया बाकी ज़रूरत नहीं गले लगाने की..! 🌹 #mनिर्झरा #yqdidi #yqhindi #yqfeelings #yqlifelessons #yqthoughts #heartbreak