रातों को मेरे ख़्वाब देख रहा कोई दिन में मेरे खयालों में गुम है कोई चांद में मेरा चेहरा तलाश रहा कोई तारों से मेरी बातें कर रहा कोई अपनी हर दुआ में हमें शामिल कर रहा कोई छिपकर हमें देखता है अपनी आंखों में बसाता है कोई मेरी खुशी पर हंसता है मेरे गम पर रोता है कोई अपनी लेखनी में मेरा ही ज़िक्र करता मेरी शायरियों को खामोशी से पढ़ता है कोई पता नहीं कौन है हमसे गुमनाम सी मोहब्बत कर रहा कोई पता नहीं कौन है हमसे गुमनाम सी मोहब्बत कर रहा कोई 🌸...