अब भी याद करते हो या कहने से डरते हो क्या सच को छुपा लोगे या मन को बहला लोगे सुनो देखो आओ या फिर लौट जाओ तुम डर कर मुहब्बत नहीं होती... तेरा ये बार बार आना जाना