सोचा जरा याद दिला दूँ.... सोशल मिडिया पर रिश्ते बनाने वाले, एफबी,वाट्सअप पे त्यौहार मनानें वाले, दूसरों की बहन को आइटम चिल्लाने वाले, किसी दूसरे के पिता को थप्पड लगाने वाले, अपने ही माँ को माँ की गाली देने वाले, अवसर आने पर, दुसरो के लिए अवसरवादी बताने वाले, बीवी-बच्चे घर में भुखे हैं सोए, चले हैं जो दुसरों को रोटी खिलाने वाले, समाज से मेल ही नही है उनका, और वो चल दिए हैं, समाज को ही समझानें.... और वो चल दिए हैं, समाज को ही अधिकानें.... सुनों, दो चार दिन जीना भी सीख लो, जहर जो भी हो पीना भी सीख लो, जो जो कर रहा है उसे करने दो, मगर खुद पर अत्याचार के खिलाफ लड़ना भी सीख लो, किसी पर कोई शोषण ना होने पाए, हर अत्याचारी को धड़ से अलग करना भी सीख लो....!! -Sp"रूपचन्द्र" #अत्याचार