लंका में चिंतित रामप्रिया तू, मैं वन-वन में विचलित नयन रहा ! तू वचन रही भ्राता लक्ष्मण की , मैं चौदह वर्षों से जागृत शयन रहा । ©Prakhar Kaushal #Ram #Seeta #God #Love #poem #Poet #thought Priya HR ❤ its arpit #NojotoRamleela