जब करते थे स्कूल जाने की तैयारी, याद आती है उस स्कूल की यारी। वो बस की आवाज, टिफिन में था कुछ तो खास, वो आखिरी रोटी का टुकडा कभी ना आया पास, दोस्तों के बीच लाइफ का था कुछ तो राज, वो सर के नाम, करते थे सर का जीना हराम वो सर की मार, सीखा जाती थी कुछ तो सबक यार । अब याद आती है उस बेंच की याद, जिस पर लिखा करते थे अपने दोस्तों के नाम। चलो करते है उस साइकिल की सवारी, जिस पर याद आती है अब भी अपनी यारी। -Deep Love u Frnds😘nd miss u so much☹️