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मैं ख़ामोशी हूँ तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा

मैं ख़ामोशी हूँ तेरे मन की,
 तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा,
 मैं एक उलझा लम्हा हूँ, 
 तू रूठा हुआ हालात मेरा।

©Dil galti kr baitha h
  मैं ख़ामोशी हूँ तेरे मन की,
 तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा,
 मैं एक उलझा लम्हा हूँ, 
 तू रूठा हुआ हालात मेरा।

मैं ख़ामोशी हूँ तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा, मैं एक उलझा लम्हा हूँ, तू रूठा हुआ हालात मेरा। #Shayari

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