[पिता क्या हैं?] पिता! मेरे इस छोटे से संसार का बड़ा सा आसमान हैं.. पिता! बचपन मे खिलौनों की दुकान हैं.. पिता! बाहर से कठिन तो अंदर से आसान हैं.. पिता! हैं तो रोटी, कपड़ा और मकान हैं.. पिता! हैं तो प्रत्यशाओं का भंडार और प्रत्येक समस्याओं का समाधान हैं.. पिता! एक उम्मीद हैं,आश हैं, परिवार की हिम्मत और पहचान हैं.. पिता! हैं तो होली, दीपावली और रमजान है.. पिता! सपनो को पूरा करने मे लगने वाली जान हैं.. पिता से ही मेरी पहचान है.. २ स्वरचित (सचिन सिंह) ©Sachin Singh #fatherlove, #nojotohindi, #nojotoenglish #CloudyNight Akriti Singh Suman Zaniyan phirleaayadil Author shivam kumar mishra