मोहब्बत में कुछ ज्यादा , मोहब्बत जताता है मुझे, अपनी पलको पे मोती , सा सजाता हैं मुझे ,, परछाई तो सिर्फ रोशनी ,में साथ देती हैं, अंधेरी रातो में रोशनी सा नज़र आता है मुझे ,, जब कभी खड़ी हूँ मैं ज़िन्दगी के मुंसिफ के सामने, दलील सारे मेरे हक़ के, समझता हैं मुझे,, मिट्टी सा हैं वज़ूद मेरा, निरंकार सा, वो कुज़ागर बन ,एक आकार बनाता हैं मुझे, बेहशी से भरी इस दुनिया मे, महफूज रखने को, अपने आगोश में छुपाए ,रखता हैं मुझे,, खुद के लिए भी ,जिसे वक़्त नही पल भर, सुनने मेरे हर ज़ज़्बात ,पास बैठता हैं मुझे,, थक न जाऊ मैं किसी दिन, दुनिया के कयामत से, हर जंग लड़ने की , तरकीब बताता हैं मुझे जो रूठ जाऊ उससे तो , मानता नही कभी, गुस्से में ही सही पर, प्यार जताता है मुझे,, न राँझे सी मोहब्बत है उसे, न मजनूं सा जनून हैं, बस टूट के इश्क़ करता है, वही सीखता हैं मुझे,, #Nojotoapp#Nonotonews मुंसिफ=न्यायकर्ता कुज़ागर = कुम्हार