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चाय की थड़ी पर, सिगरेट के धुएं सी । धू धू करके ध

चाय की थड़ी पर, सिगरेट के धुएं सी । 
धू धू  करके धीरे धीरे राख हो रही हैं।।

यह कैसी आग हो रही हैं,
 जिंदगी राख हो रही हैं।।

©Ombhakat Mohan( kalam mewad ki)
  जिंदगी राख हो रही हैं,,,

जिंदगी राख हो रही हैं,,, #समाज

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