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ना मेरी कोई मंज़िल है, ना कोई किनारा, तन्हाई मेरी

ना मेरी कोई मंज़िल है, ना कोई किनारा,
तन्हाई मेरी मेहफिल और यादे मेरा सहारा
तुमसे बिछड़ के, कुछ यू वक़्त गुज़ारा,
कभी ज़िंदगी को तरसे, 
कभी मौत को पुकारा..!!

©Rajnish Kumar
  ना मेरी कोई मंजिल हैं

ना मेरी कोई मंजिल हैं #Love

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