यूँ चल रहा दिन-रात, तू किसकी तलाश मे , आवाज ढूंढता हैं क्यूँ , बेजान लाश मे? ख्वाहिश हैं खोजने की, तो कुछ और देख ले, क्यूँ सच ही ढूंढता हैं, तू झूठे लिबाश मे? विश्वास हैं तो खुद जा ,तू नाप कर रस्ता, वर्ना उम्र बीत जायेगी आने के आश मे । यूँ चल रहा दिन तू किसकी तलाश मे, हर वक्त रहा हैं कैसी निराश मे? हर रोज बाँधता हैं तू बेडियाँ खुद की, एक दिन मरेगा छुट कर, जीने की प्यास में समेटता है झूँठ को तू सच बना कर , एक दिन बिखर जायेगा पत्तों के ताश मे । (om)📝@om_thirdeye 🤗 #StarsthroughTree #sad #love #peace #sacrifie#indian