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वो ये चाहता है किसी को ख़बर ना लगे ख़बर लगे तो लग

वो ये चाहता है किसी को ख़बर ना लगे 
ख़बर लगे तो लगे मगर इस कदर ना लगे 

बात दिल में जो हो वो आकर सीधे कह दे 
उस की बातों में ज्यादा अगर मगर ना लगे 

इज़्ज़त-ए-नफ़्स में बराबर मैं उन को लगूं 
कद मेरा भी उन से मुख़्तसर ना लगे

राग़िबन मैं उसे रख लूं मन्दिर में मेरे 
काफ़िर-ए-मुतलक़ मेरा उसको घर ना लगे

बच बचा के आना मेरे दर पर आश्ना 
देखना चौखट पर तुम्हारा सर ना लगे 

मैं ने लिख दिए कितने इत्माम-ए-ग़ज़ल
मगर किसी ग़ज़ल में सही बहर ना लगे

एक काला टीका लगा दो उसके मुखड़े पर 
ताकी लोगों की उस पर बुरी नज़र ना लगे 

उसके पेशानी के शिकन का कुछ तो करो 
बज़्म-ए-महफिल में देख़ो वो मुन्तशर ना लगे 

मुनासिब हो तो उस को मेरे पास भेज दो 
जब से हुआ वो बेघर ये घर घर ना लगे 

इश्क में सर्द-जंग एक हद तक तो ठीक है कर्म 
जी जले तो जलें वो किसी गैर के बिस्तर ना लगें

©कर्म भक्त कवि [आशीष मिश्रा] #Nightlight 
गज़ल
सुख़नवर:- आशीष मिश्रा/ कर्म भक्त कवि 
गौरव आनंद श्रीवास्तव Kajal Singh [ ज़िंदगी ] Arp__(अर्प) Amit Pandey Pallavi Srivastava
वो ये चाहता है किसी को ख़बर ना लगे 
ख़बर लगे तो लगे मगर इस कदर ना लगे 

बात दिल में जो हो वो आकर सीधे कह दे 
उस की बातों में ज्यादा अगर मगर ना लगे 

इज़्ज़त-ए-नफ़्स में बराबर मैं उन को लगूं 
कद मेरा भी उन से मुख़्तसर ना लगे

राग़िबन मैं उसे रख लूं मन्दिर में मेरे 
काफ़िर-ए-मुतलक़ मेरा उसको घर ना लगे

बच बचा के आना मेरे दर पर आश्ना 
देखना चौखट पर तुम्हारा सर ना लगे 

मैं ने लिख दिए कितने इत्माम-ए-ग़ज़ल
मगर किसी ग़ज़ल में सही बहर ना लगे

एक काला टीका लगा दो उसके मुखड़े पर 
ताकी लोगों की उस पर बुरी नज़र ना लगे 

उसके पेशानी के शिकन का कुछ तो करो 
बज़्म-ए-महफिल में देख़ो वो मुन्तशर ना लगे 

मुनासिब हो तो उस को मेरे पास भेज दो 
जब से हुआ वो बेघर ये घर घर ना लगे 

इश्क में सर्द-जंग एक हद तक तो ठीक है कर्म 
जी जले तो जलें वो किसी गैर के बिस्तर ना लगें

©कर्म भक्त कवि [आशीष मिश्रा] #Nightlight 
गज़ल
सुख़नवर:- आशीष मिश्रा/ कर्म भक्त कवि 
गौरव आनंद श्रीवास्तव Kajal Singh [ ज़िंदगी ] Arp__(अर्प) Amit Pandey Pallavi Srivastava

@Pallavi Srivastava ">#Nightlight गज़ल सुख़नवर:- आशीष मिश्रा/ कर्म भक्त कवि गौरव आनंद श्रीवास्तव Kajal Singh [ ज़िंदगी ] Arp__(अर्प) Amit Pandey Pallavi Srivastava #Shayari