तुम्हारा नशा चढ़ा है ऐसा सब कुछ अपना न्यौछावर करने की है इच्छा हांँ तुम्हारे इश्क़ का नशा हो रहा है खुद ही ये दिल तुम्हारा हो रहा है तुम्हारा नशा चढ़ा है ऐसा ज़ख्म कितने भी हुए हों इस दिल में ये इश्क़ हर दफा आपके लिए बढ़ा है तेरे इश्क़ में नजदीक आने होता एहसास कुछ ऐसा जैसे बंजर भूमि पर बारिश का होना तोड़ना मत कभी इस दिल के ख्वाहिश को क्योंकि तुम्हें देख मेरा दिल सुकून से सो रहा है हर वक्त दिल करता है ज़िक्र तुम्हारा दिल पर ऐसा छाया है नशा तुम्हारा अब आ भी जाओ हमें ना तड़पाओ जिंदगी में इश्क़ का रंग भर जाओ ना मुद्दातों से तुम्हारा नशा एक दो पल के वास्ते दो घूँट पिला दे साकी फिर खुद को लुटा लेना।। ♥️ Challenge-665 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।