कदमो के निशां जो घर की ओर मुड़ गए, यूँ लगा कि खोये हुए अपने मिल गए। वो भूले बिसरे किस्से जीवंत हो गए, यूँ लगा कि जिन्दगी के दर्द कम हो गए। बच्चो के बचपन को पंख लग गए, यूँ लगा कि मुरझाये हुए फूल फिर खिल गए। बंदिशों के कारण रिश्ते और मजबूत हो गए, यूँ लगा कि ज़िन्दगी के पल खूबसूरत हो गए।। #स्वरचित #Indiafightscorona #lockdownIndia ~कौस्तुभ~ #footsteps