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सर्वग्य है फिर भी दुआ में उनके हुस्न की बरकत मांगत

सर्वग्य है फिर भी दुआ में उनके हुस्न की बरकत मांगता हूं मैं।
महज़ जिस्म हासिल हो तेरा उन्हें, रूह-ए-मुहब्बत की सोहबत मांगता हूं मैं।
जिस घड़ी किसी ओर के मुकद्दर के नाम होएगी तू....
उस पल में ख़ुदा से मोत की मूहरत मांगता हूं मैं।

©Vivek #Wish   Jamuna Dahal  Jamuna Dahal
सर्वग्य है फिर भी दुआ में उनके हुस्न की बरकत मांगता हूं मैं।
महज़ जिस्म हासिल हो तेरा उन्हें, रूह-ए-मुहब्बत की सोहबत मांगता हूं मैं।
जिस घड़ी किसी ओर के मुकद्दर के नाम होएगी तू....
उस पल में ख़ुदा से मोत की मूहरत मांगता हूं मैं।

©Vivek #Wish   Jamuna Dahal  Jamuna Dahal
vivek3414622715567

Vivek

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