*शांति का पैगाम दो* थम जाओ अब बहुत हुआ युद्ध को विराम दो हार ही जाने दो ना अहं को अपने और शांति का पैगाम दो निरंतर लड़ते और शस्त्र बोझ से थकते योद्धाओं को विश्राम दो हार ही जाने दो ना अहं को अपने और शांति का पैगाम दो बचा लो प्रेम के बीजों को जो अंकुरित होने हैं नफ़रत के पौधों को ना वृक्ष का मुकाम दो हार ही जाने दो ना अहं को अपने और शांति का पैगाम दो कर दो बेफिक्र डर के साये में जीने वालों को अपने शौर्य को इतिहास में एक नया आयाम दो हार ही जाने दो ना अहं को अपने और शांति का पैगाम दो स्वरचित बीना राय गाजीपुर,उत्तर प्रदेश ©Beena #power #History #War