रोकने से रूकते नहीं आँसू दिन रात मेरी आंखे टूटे हुए बांध की तरह बहती है. उगते सूरज से लेकर ढलते सूरज तक मेरी नजर तेरी राहो पर रहती है. मुमकिन नहीं बिना तेरे पर फिर भी मिनते इस दिल से धडकने की करता हूँ. काश चल पडे तेरे कदम मेरे घर की तरफ मैं खुदा से दुआ तेरे बटकने की करता हूँ. ©Singh Manpreet बटकने #freebird