दिन निकल आया अब तुम भी आओ पूरी कविता नीचे दी है पढ़ियेगा जरूर.. अपने सुरज को जगाओ दिन निकल आया अब तुम भी आओ रात देखे सपनों को दिन सच करके दिखाओ खाली बैठके यूँ उन सपनों को ना सताओ