नटखट गोपाल हमारे हाथे बाँसुरी, मस्तक मोर पंख मुकुट धारे धुन बजावे मीठी मीठी, खींचे मन बैराग, लंबी तान सुहारे नैनन कजरारे दीपक सौभे, सवली सुरतिया निहारे गले माला, पीत वस्त्र धरे मोह लियो जग मह, ऐसे शृंगार सवारे ठगे गोपियन, माखन चोर कहावे लाडला मैया यशोदा के, नंद बाबा दुलारे राधा संग मधुबन भ्रमाए, मीरा जोगन बनावे माया जाने कौन तिहारी जो जग गोपियाँ संग लीला करावें Kuch Sri krishna ji ke liye #कृष्ण #janamastami #poetry