दोस्ती? तुम मुझे दोस्ती न सिखाओ , सज्जन! क्युकी, एक सच्चा दोस्त कभी भी उससे उसकी गलतीया छुपाए नहीं! और ना ही उन गलतीयो मे दे सांथ । श्रद्धा? तुम मुझे श्रद्धा न सिखाओ , सज्जन! माता पिता की तुम करते नहीं, उनको हकीकत से जब रखते दूर दाल के पर्दा। सिर्फ़ पाव चुना? मैं न मानू होती श्रद्धा । प्यार? तुम मुझे प्यार न सिखाओ , सज्जन! जो बने झूठ के बुनियाद मे, देहलीज़ मे मिले हमेशा तोहफा, केवल, खुदगर्ज का! #hindi #lesson #hate #love#respect #friendship#दोस्ती #श्रद्धा