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हम यूं ही इजहार नहीं करते सरे बाजार, कुछ मर्यादाए

हम यूं ही इजहार नहीं करते सरे बाजार,
 कुछ मर्यादाएं कुछ सीमाएं होती हैं,
आंखों में कुछ शर्म कुछ लिहाज़ होती हैं,
समय है कुछ करने का,
अपनी तपस्या पर खरे उतरने का,
ये प्यार मोहब्बत तो बाद की चीज है,
हम तो इनकार ही कर देते हैं,
जब बात हमारे,
आत्मसम्मान और संस्कार की होती है,
ये हमारी संस्कृति नहीं है,
जो सरे बाज़ार इज़हार और इकरार का,
खेल दिखाए और अपनो को,
रुसवा कर जाए.

#प्रपोज़ डे

©Rashi #proposeday 
#Rashi
#kavitayenrashmiki 
#anubhavrashminirmal
हम यूं ही इजहार नहीं करते सरे बाजार,
 कुछ मर्यादाएं कुछ सीमाएं होती हैं,
आंखों में कुछ शर्म कुछ लिहाज़ होती हैं,
समय है कुछ करने का,
अपनी तपस्या पर खरे उतरने का,
ये प्यार मोहब्बत तो बाद की चीज है,
हम तो इनकार ही कर देते हैं,
जब बात हमारे,
आत्मसम्मान और संस्कार की होती है,
ये हमारी संस्कृति नहीं है,
जो सरे बाज़ार इज़हार और इकरार का,
खेल दिखाए और अपनो को,
रुसवा कर जाए.

#प्रपोज़ डे

©Rashi #proposeday 
#Rashi
#kavitayenrashmiki 
#anubhavrashminirmal