दर्द की गवाही मैं दूं भी तो कैसे ये दर्द ही तो मेरा हाल बयां करते हैं था दर्द_वो_ग़म जितना भी मेरा अब तलक तो हम सिलते आए हैं। यही तो हैं जो जीने का ढंग हर रोज़ सिखाते हैं दर्द में भी मुस्कुराने का हुनर हम जानते हैं। बात जब अदालत तक पहुंचेगी कभी समेट रखे हैं दर्द कितने इस दिल में मेरे दर्द खुद उस रोज गवाही देंगे। और तुम्हें सितम करना है जितना कर लो तुम ना सही ये दर्द मेरे दीवाने होते जाएंगे। ♥️ Challenge-542 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।