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मैं सुबह, वो शाम थी। मैं शुरू, वो ख़तम थी। मैं आज,

मैं सुबह, वो शाम थी।
मैं शुरू, वो ख़तम थी।
मैं आज, वो बीता कल थी।
मैं लब़, वो मुस्कुराहट थी।
मैं सांस, वो घड़कन थी।
मैं बोतल, वो शराब थी।
मैं पत्थर, वो विश्वास थी।
मैं बादल, वो बारिश थी।
मैं दर्द, वो सुकूं थी।
मैं उलझन, वो हल थी।
मैं सफ़र, वो मेरी आखिरी मंजिल थी।

©Avinash mishra #lovebirds❤️❤️ 

#lovetaj
मैं सुबह, वो शाम थी।
मैं शुरू, वो ख़तम थी।
मैं आज, वो बीता कल थी।
मैं लब़, वो मुस्कुराहट थी।
मैं सांस, वो घड़कन थी।
मैं बोतल, वो शराब थी।
मैं पत्थर, वो विश्वास थी।
मैं बादल, वो बारिश थी।
मैं दर्द, वो सुकूं थी।
मैं उलझन, वो हल थी।
मैं सफ़र, वो मेरी आखिरी मंजिल थी।

©Avinash mishra #lovebirds❤️❤️ 

#lovetaj