हमारी मोहब्बत को वो राजनीति समझ बैठे कदम क्या बढाती इश्क़ को पक्ष का एजेंडा समझ बैठी। वक्त की मांग थी साथ चलना पर आज विपक्ष के पक्ष में होकर हमे हारा समझ बैठी। #युवा #छात्र