सत्य की सत्यता किसी प्रमाड की मोहताज नही क्या लिखे अब कुछ समझ नही आता इस दुनिया का दस्तूर अब समझ नही आता यहाँ अच्छे को बुरा और बुरे को अच्छा कहा जाता है । गलती किसी और की बुरा किसी और को कहा जाता है । ये दुनिया जानती है की बुराई चार दिन की और अच्छाई हजार दिन की फिर भी ना जाने क्यों किसी को बेवजह गलत बताया जाता है । उसे मालूम है की गलत अच्छे से नही जीत पाता है इतनी छोटी सी बात ना जाने क्यों कोई क्यों नही समझ पाता है ©Surendra kumar bharti सत्यता प्रमाड की मोहताज नही सत्य की सत्यता सत्यता #diary