सुनसान है गालियाँ लॉकडाउन हुआ पड़ा है शहर चारों तरफ फैला यहाँ कोरोंना का जहर अब भी सुधर जाओ इंसानों बंद रहो अपने घर पर बचे रहोगे देशवासियों इस कोरोंना की कहर से जुझ रहे लोग कोरोंना की कहर से कुछ निष्कर्ष ना निकालने से हुआ है लॉकडाउन पूरे शहर में प्रतीत होने लगा निकट आ रहे अंतिम पहर है थाली बजायी ताली बजायी हो रहे हवन है काश ये कोरोंना चले जाए मना रहे भगवान् से है कभी स्वप्न में नहीं सोचा होगा लॉकडाउन हमारा देश भी पैसा हैं प्रतिष्ठा है और है राजनीतिक शक्ति भी नाकाम हो जा रहे हैं हर प्रयास देश के ना जाने आया कोरोंना किस वेश में है भरोसा है भगवान् पर होगा सब ठीक एक दिन भी कर थोड़ा सब्र तू भी अखिर मे होगी जीत तेरी भी निकलेगा लॉकडाउन का तोड़ भी जाना होगा कोरोंना को अपना मुँह मोड़ ही कुछ दिन तू भी सारे काम काज छोड़ दें कर ले खुद को दुनिया की इस भीड़ से भले ही दूरियां हुई हो हमारे रिश्ते में इस लॉकडाउन से दिलों की नजदीकियां बरक़रार है अब भी मातम की माहौल में भी हमे खुशियो से गुजारे हुए लम्हे की फिर से है दरकार हमे....!!! - विद्या झा #coronavirus #poetry #lockdawn #nojoto #nojotolove #nojotodiary