ख्वाहिशों से नहीं गिरते हैं फूल झोली में कर्म की साख को हिलाना होगा कुछ नहीं होगा कोसने से अंधेरे को अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा ©Kalyani #phool अपने से का दिया खुद ही जलाना होगा