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White आज की आबो हवा, कुछ यूं दिन भर कहीं गुमसुम

White  आज की आबो हवा,
 कुछ यूं दिन भर कहीं गुमसुम सी
 खामोश बैठी  रही, 
 जैसे किसी पंछी का आशियाना 
 रैकून के हमले से क्षत–विक्षत हो गया हो,
 जिसे समेटने वाला कोई शेष नहीं,
 आंखों में एक ठहराव सा है,
 जैसे समय अचानक
 अपनी गति  भूल गया हो,
 और हृदय में जैसे संसार की 
 सारी चट्टानें आ धसी हो, 
 अंतःकरण की वेदना से 
 रोम रोम छननी होकर 
 कंठ और स्वास की लय,
 क्रंदन में तब्दील होने को उत्सुक है, 
 यह जीवन की कैसी आपाधापी है।।

©Jiwan Kohli #sad_quotes  Sarfraz Ahmad  writer Cs Thakur  गुमनाम  broken_heartz  बादल सिंह 'कलमगार'
White  आज की आबो हवा,
 कुछ यूं दिन भर कहीं गुमसुम सी
 खामोश बैठी  रही, 
 जैसे किसी पंछी का आशियाना 
 रैकून के हमले से क्षत–विक्षत हो गया हो,
 जिसे समेटने वाला कोई शेष नहीं,
 आंखों में एक ठहराव सा है,
 जैसे समय अचानक
 अपनी गति  भूल गया हो,
 और हृदय में जैसे संसार की 
 सारी चट्टानें आ धसी हो, 
 अंतःकरण की वेदना से 
 रोम रोम छननी होकर 
 कंठ और स्वास की लय,
 क्रंदन में तब्दील होने को उत्सुक है, 
 यह जीवन की कैसी आपाधापी है।।

©Jiwan Kohli #sad_quotes  Sarfraz Ahmad  writer Cs Thakur  गुमनाम  broken_heartz  बादल सिंह 'कलमगार'
jiwankohli5560

Jiwan Kohli

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