बहुत गुमनाम हैं वफ़ा के रास्ते तुम भी लापता मैं भी लापता गुमनाम मोहब्बत के रास्तों पर हम चले साथ गुमनाम वफ़ा लेकर ना सही रास्ता मिला ना मिली मंजिल भटक गए उन रास्तों पर मेरी गुमनाम वफ़ा मेरी खामोशियों में कहीं तेरी मोहब्बत ज़ाहिर मेरे हर लफ़्ज़ों में गुमनाम मेरी वफ़ा रही बेवफाई के चर्चे आम हो बदनाम कर गई मुझे मैं गुमनाम अपनी वफ़ा राज़ रखना चाहती थी नाम तेरा चेहरे पर मेरे दुनिया से छुपा ना सकी गुमनाम मेरी वफ़ा रहा सपना ही मेरा अब तो हक़ीक़त होने से रहा हमारी वफ़ा तेरे लिए गुमनाम रखी मुझे वरना हमने मशहूर होने में कमी नहीं छोड़ी हमने। ♥️ Challenge-699 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।