मोहब्बत के कुछ पल हमारे नाम करना दास्तां देख हमारी, हमें भी याद करना इरादे है बुलंद, के मार सकता ना कोई मर मिटे है गर, जिंदा है हर कहीं आंखे बंद कर, लड़ी है वतन की लड़ाई शहादत देख हमारी, ये आश्मा भी रोई है गुज़ारिश, शियाशत का खेल जारी न करना हमारा कर्ज उतारना हो गर, इंशाफ जरूर करना मोहब्बत के कुछ पल हमारे नाम करना मोहब्बत#वतन