पुरानी यादें, जब भी आती है। मेरे होंठों को तुम्हारे दिए हुए, हर ज़ख़्म की याद आती है।। और फ़िर मैं मुस्कुराकर, ‘एक बार और’, बोल देता हूं।। Shivank Srivastava 'Shyamal' जब भी आती है। मेरे होंठों को तुम्हारे दिए हुए, हर ज़ख़्म की याद आती है।। और फ़िर मैं मुस्कुराकर, ‘एक बार और’, ज़ख़्म चाहिए बोल देता हूं।। #hindi #nojoto #nojotohindi #kamuk #sex #lust #Love #poem #Quote