इश्क के चाल में चलता ही जाता हैं सच को झूठ और झूठ को सच बताता है। किसी के चाहत में सब-कुछ भुल जाता है। सही और ग़लत का पहचान नहीं कर पाता है। ये इश्क चीज ही ऐसी है, जब तक ना हो अपने आगोश में बुलाता है। और हो जाए तो हर बात पर रुलाता है। किसी ने सच ही कहा है, वक्त सबका आता है। पर वक्त की आवाज हर कोई कहा सुन पाता है। इश्क की चाल में चलता ही जाता है। पर वक्त की आवाज हर कोई कहा सुन पाता है by Karan Tiwari