कोविड-19 से उभर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था को जिस तरह से यूक्रेन संकट का सामना करना पड़ रहा है उसके नतीजे से महंगाई बढ़ने ही थी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल तेल के मूल्य में लगातार बढ़ोतरी हो रही है इस विधि से दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत भी जूझ रहे जो कि भारत अपनी खपत का 80% से अधिक कच्चा तेल आयात करता है इसलिए उससे कहीं अधिक प्रभाव पड़ा है फिलहाल यह कहना कठिन है कि पेट्रोल के मूल्य में वृद्धि का सिलसिला कब था लेकिन यदि में इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती महंगाई पर लगाम लगाने की खपत हो रही थी उसके दाम बढ़े हैं कि भले ही पड़ रहा है लेकिन समस्या का हल नहीं होने वाला सरकार को ऐसे कदम उठाने की जैसे यूक्रेन संकट से उपजी परिस्थितियों के प्रभाव को कम किया जा सकता है यह ठीक है कि सरकार के पास सीमित विकल्प है लेकिन उसे कुछ संभव हो तो करना ही होगा रिजर्व बैंक को भी यह देखना होगा कि उससे ऊपर स्तर क्या कर सकते हैं सरकारी अनदेखा नहीं कर सकती खाने-पीने की सामग्री के साथ अन्य वस्तुओं के दाम भी बढ़ रहे हैं इससे हम लोगों का बजट बिगड़ रहा है ©Ek villain #महंगाई की चुनौती वैश्विक स्तर पर #selfhate